हिन्दी भाषा और सामाजिक विकास क्षेत्र

किसी भी क्षेत्र के सामाजिक, वैज्ञानिक अथवा वित्तीय विकास के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग की भागेदारी अनिवार्य है। इस दिशा में समाज के सभी खंडों को सूत के भांति जोड़ने का कार्य करती है समान जन की भाषा। यूं तो आए दिन सरकार तथा समाज कल्याण में जुटी संस्थाएं अनगिनत विकास परियोजनाएं घोषित करती हैं, किंतु यदि इन योजनाओं का महत्व सामान्य जनता को समझ ही न आए, तो इन प्रयासों का महत्व की क्या? 

भारत विभिन्नता में एकता का प्रतीक है। यहां कदम कदम पर भिन्न भाषाएं, परंपराएं तथा पहनावा देखने को मिलता है। इस विभिन्नता के कारण ही सभी व्यक्तियों को विकास के प्रकाश की ओर ले जाना थोड़ा कठिन हो जाता है। ऐसी जटिल परिस्थितियों में भाषा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे हम विभिन्न फूलों के समान व्यक्तियों को एक माला के रूप में पिरो सकते हैं। 
भारत में 43.63% जनसंख्या यानी 52 करोड़ लोग अपने दैनिक जीवन में हिन्दी भाषा का प्रयोग करते हैं। पत्रकारिता, सिनेमा, संगीत आदि ने हिन्दी भाषा को और अधिक प्रचलित बनाया है। 1950 में हिन्दी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया। इसी दौरान हिन्दी के संस्कृतिकरण ने जहाँ इस भाषा को सरकारी कार्यों अथवा शैक्षणिक क्षेत्रों में आदर–सम्मान दिया, वहीं इसके समकालिक सरलीकरण ने हिन्दी को सामान्य जनों में और प्रचलित कर दिया।

आज, बहुराष्ट्रीय कंपनियां, ग़ैर–सरकारी संस्थाएं अथवा बड़े बड़े मीडिया हाउस या तो हिन्दी भाषा में अपनी परियोजनाएं बनाते है या फिर इसके महत्व को समझते हुए अंग्रेज़ी के साथ हिन्दी का विकल्प भी रखते हैं। 
यदि हम समाज कल्याण क्षेत्र की बात करते हैं, तो वास्तविकता मे अधिकतर केवल वही एनजीओ अपनी विकास योजनाओं में सफल होते हैं जो हिन्दी भाषा को माध्यम के रूप में प्रयोग करते हैं। हिन्दी का महत्व सामाजिक विकास क्षेत्र में इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि एनजीओ के लाभार्थी अधिकतर आम जन ही होते है जिनका अंग्रेज़ी से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं होता। यदि किसी संस्था को इन सामान्य व्यक्तियों के लिए काम करना है, तो उन्हे हिन्दी भाषा का प्रयोग करना ही होगा।

इन्हीं कारणों से इस राजभाषा का वर्तमान तथा भविष्य, दोनो ही सुनहरे तथा सुस्थापित हैं। 


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Khushaal Sharma, also known as Ken Maraj on the internet, is a Content Creator at Wishes and Blessings. He has done his Bachelor’s in Journalism and Mass Communication from Amity University. He has also done a Diploma Course in French Language and Culture from New Delhi YMCA, Delhi. Khushaal is passionate about writing thought-provoking blogs and creating travel-based videos. He firmly believes that endings lead to new beginnings.